कोलकाता, 24 नवम्बर 2025:
पूर्व रेलवे के सियालदह मंडल ने टिकट जांच कर्मचारियों के लिए “यूनिक आइडेंटिफिकेशन बैज” लागू करने के बाद फर्जी ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर (TTE) के मामलों पर अंकुश लगाने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। यह अभिनव कदम वास्तविक रेल अधिकारियों और जालसाजों के बीच स्पष्ट पहचान सुनिश्चित करने में अत्यंत प्रभावी सिद्ध हुआ है। पिछले कुछ दिनों में धोखाधड़ी से जुड़ी घटनाओं में उल्लेखनीय कमी देखी गई है।
सीनियर डिविजनल कमर्शियल मैनेजर श्री जसराम मीणा द्वारा डिविजनल रेलवे मैनेजर सियालदह श्री राजीव सक्सेना के मार्गदर्शन में शुरू की गई इस पहल के तहत सभी ड्यूटी पर तैनात TTE के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया पहचान बैज पहनना अनिवार्य किया गया है। यह यूनिक बैज वास्तविक कर्मचारियों की शीघ्र और स्पष्ट पहचान प्रदान करता है तथा यात्रियों एवं अन्य रेलवे कर्मचारियों को अधिकृत कर्मियों की पहचान करने में सक्षम बनाता है। इससे फर्जी टीटीई बनकर यात्रियों से पैसे वसूलने की कोशिश करने वाले असामाजिक तत्वों पर प्रभावी रोक लगी है।
यह सक्रिय कदम पहले ही ठोस परिणाम देने लगा है। हाल ही की कई घटनाओं में यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों ने बैज न होने पर संदेह जताया, जिसके कारण कई फर्जी टीटीई को पकड़ने में सफलता मिली। ये गिरफ्तारियाँ इस सुरक्षा पहल की प्रभावशीलता को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं।
सियालदह मंडल यात्रियों की सुरक्षा और सेवा में निरंतर सुधार के प्रति प्रतिबद्ध है। यूनिक बैज पहल पारदर्शिता बढ़ाने, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के प्रति मंडल की प्रतिबद्धता का सशक्त प्रमाण है। यात्रियों से अनुरोध है कि रेलकर्मियों के साथ सहयोग कर सुचारु संचालन में सहायता प्रदान करें।








